तिलोत्तमा कश्यप और अरिष्टा की कन्या थी जो पूर्वजन्म में ब्राह्मणी थी और जिसे असमय स्नान करने के अपराध में अप्सरा होने का शाप मिला था। एक दूसरी कथा के अनुसार यह कुब्जा नामक स्त्री थी जिसने अपनी तपस्या से वैकुंठ पद प्राप्त किया था। उस समय सुंद और उपसुंद नामक दो राक्षसो ने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की। वरदान देने के लिए ब्रह्मा जी प्रगट हुए । ब्रह्मा जी को अपनी तपस्या से प्रसन्न जान दोनो बहुत खुश हुए । ब्रह्मा जी से दोनो ने एक स्वर मे कहा । ब्रह्मदेव आप हमे अमर करदे। हमारी मृत्यु ही न हो। ब्रह्मा जी ने