छल - Story of love and betrayal - 16

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भैरव ने प्रेरित के कंधे पर हाथ रख कर कहा "फिर….फिर क्या हुआ साब जी"?प्रेरित ने जेल की सलाखों से बाहर देखते हुए कहा, "एक दिन मेरा फोन लगातार बजता जा रहा था, मैं मीटिंग में बिजी था और फ्री होते ही जब फोन किया तो प्रेरणा उधर से रो रही थी,वो बस इतना ही कह पाई की आप सिटी हॉस्पिटल आजाओ, मैं घबरा गया और सीधा अस्पताल गया, जहां पता चला कि मां का बहुत बड़ा एक्सीडेंट हो गया था, उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए थे, मैं गुस्से से पागल हो गया और पुलिस को छानबीन करने को