आत्म सम्मान

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"आत्म सम्मान" डा जय शंकर शुक्लछुआछूत के रोग से ग्रसित रोगी, स्वस्थ हो जाने पर भी काफी दिन तक क्वॉरेंटाइन मैं रहता है क्वॉरेंटाइन में रहना उसकी मजबूरी है जिससे कि वह इस बीमारी को किसी अन्य में न फैला सके प्राचीन काल में हमारे समाज में सूतक एक शब्द प्रचलन में था किसी भी परिवार में मृत्यु होने की स्थिति हो या किसी नए बच्चे के आगमन की दोनों ही स्थितियों में संक्रमण से बचने के लिए सूतक का प्रावधान किया जाता था। जब तक सूतक अथवा क्वॉरेंटाइन का समय पूरा नहीं होता तब तक वह व्यक्ति समाज के लिए