गार्गी के प्रश्न और याज्ञवल्क्य का तमतमाया चेहरा

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डॉ. बी. बालाजी, हैदराबाद यह उदाहरण नीलम कुलश्रेष्ठ के सम्पादन सद्यः प्रकाशित ‘धर्म के आर-पार औरत’ (2010) की भूमिका का एक छोटा-सा अंश है --"लगभग दो वर्ष पूर्व भोपाल की प्रसिद्ध शिल्पी संस्था ने ‘धर्म की बेड़ियाँ खोल रही है औरत’ पुस्तक के सन्दर्भ में चर्चा रखी थी । इस मंच पर प्रख्यात शायर बशीर बद्र जी भी उपस्थित थे । मैंने अपने वक्तव्य के आरम्भ में कुछ प्राचीन स्त्री-चरित्रों के उदाहरण देने आरम्भ कर दिये, जाहिर है अवतारी पुरुषों की नीतियों पर मैं उँगली उठाती जा रही थी । वक्तव्य देते हुए मैंने बशीर बद्र जी की तरफ मुड़कर