ज्यों ज्यों तकनीक के विकास के साथ सब कुछ ऑनलाइन और मशीनी होता जा रहा है। त्यों त्यों इज़ी मनी चाहने वालों की भी पौबारह होती जा रही है। ना सामने आ..किसी की आँख में धूल झोंक, सब कुछ लूट ले जाने की ज़रूरत। दूर बैठे ही बस जिसका तिया पांचा करना हो..किसी तरह का लालच दे, उससे ओ.टी.पी हासिल करो और बस बिना अपना दीदार कराए झट से उसकी खुली आँखों से काजल चुरा लो। लेकिन ऐसा नहीं है कि सब कुछ तकनीक के आ जाने से ही संभव हुआ। इससे पहले भी 'नटवरलाल' और'चार्ल्स सोभराज' जैसे तुर्रमखां ठग हुए