कैथरीन और नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया - 15

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भाग 15 शाम को 5 बजे लॉयेना ने अपने को बिजी बताते हुए कैथरीन से आग्रह किया -" तुम चली जाओ न प्रवीण के ऑफिस। मैं तुम्हारी पसंद का डिनर तैयार करने में कुक की मदद करूँगी। अम्मा की दवाई, डिनर आदि भी देखना पड़ेगा। " समझ गई कैथरीन। प्रवीण के साथ वह उसे अकेला छोड़ना चाहती है। लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। अब ऐसा कुछ दोनों के बीच रहा नहीं।  ऑफिस में कैथरीन को अकेले आया देख प्रवीण ने पूछा-" लॉयेना नहीं आई? सोचा था गोमती के किनारे थोड़ा वक्त गुजारेंगे। तुम चलना चाहोगी ?" "चलो ताजी हवा