ग्यारह अमावस - 42

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(42)नज़ीर के लिए चुपचाप घर में बैठना मुश्किल हो रहा था।‌ वह पुलिस के लिए मुखबुरी करता था। उसे लगता था कि वह बहुत होशियार और बहादुर है। लेकिन जब गगन ने उसे मात दे दी तो उसका मन परेशान हो गया था। घर पर बैठे हुए वह सोचता था कि जिस गगन के दब्बूपन पर सब हंसते थे उसने एक ही बार में उसे मात दे दी। यह सोचकर अपने आप पर उसका विश्वास कम होने लगा था। वह अपनी ही नज़रों में गिरना नहीं चाहता था। इसलिए उसने तय किया कि वह इस तरह शांत नहीं बैठेगा।सब