देखो भारत की तस्वीर 5 (पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था