दानी की कहानी - 23

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दानी की कहानी ----------------- दानी के बगीचे में रंग-बिरंगे फूल और उन फूलों में खेलते हम सब बच्चे ! कभी तितलियाँ पकड़ते कभी उनके पीछे भागते और न पकड़ पाने पर गंदा सा मुँह बनाकर रोते दानी बेचारी आतीं और हम रोते हुए बच्चों को चुप करने में उनका कितना ही समय खराब हो जाता उस दिन शिवांग भैया दानी की बात सुना रहे थे कि सोनू जी चुप न रह सके दानी को समय की क्यों परवाह थी ? उन्हें क्या कोई काम करना पड़ता था ? अरे ! करना पड़ता