अध्याय 12 "क्यों सेल्वम...! वे नीचे चले गए क्या?" "चलें गए साहब!" बोलकर सेल्वम क्या कहकर खड़ा हुआ। रिवाल्वर को कमर में खोंस लिया। “साहब आपको देखकर रिवाल्वर को दिखाने के लिए माफ कर दीजिए।” परशुराम मुस्कुराए। "गवर्नमेंट जो पैसे दे रही है उसके बदले तो यह काम भी नहीं करें तो कैसे सेल्वम ?" "साहब...! अभी इस बंगले में एक कबूतर भी नहीं है....?" "कबूतर के रहने का निशान भी नहीं है। सही समय पर तुमने जो इंफॉर्मेशन दी उससे जितने कबूतर थे सबको पन्नैय के घर पर लेकर चले गए। ठीक.... मेरे सेलफोन को मुझे दो। मुझे अक्षय