फूल बना हथियार यह उपन्यास जासूसी तो है ही पर बहुत ही इंटरेस्टिंग है। बड़े-बड़े मुखोटे लगाकर बिजनेसमैन क्या-क्या बदमाशियां करते हैं वही नहीं बड़े-बड़े डॉक्टर से भी कई बार इसमें शामिल होते हैं। पैसे के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। उनका मेन मकसद रुपया ही होता है। उन्हें अपनी फैमिली या किसी और की चिंता नहीं सिर्फ रुपए कमाना वह भी किसी ढंग से चाहे जायज हो या नाजायज उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम जो बातें सोच नहीं सकते वह यह सब कर लेते हैं। पढ़कर देखेगा। मूल लेखक राजेश कुमार राजेश कुमार इस उपन्यास के