आजकल अमिता दिवाली की सफाई में लगी हुई थी।तीन वर्ष के बेटे विशु के संग काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है।जरा आँख बची कि विशु सामान फैलाने लग जाता था,डाँटने पर मासूमियत से अपनी थोड़ी तोतली आवाज में कहता,"मम्मा, डाँतो मत,मैं भी तो थपाई कल लहा हूँ।"सुनकर उसे बेटे पर प्यार उमड़ आता।वह स औऱ र का साफ उच्चारण नहीं कर पाता है, वैसे बेहद बातूनी है, उसके प्रश्नों का पुलिंदा हमेशा खुला ही रहता है। कई सालों से दिवान की सफाई नहीं कर सकी थी, क्योंकि विवाह के बाद शीघ्र ही विशु उनकी जिंदगी में आ गया था।इस