चुनावी षड्यंत्र

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भोलराम आज फिर ज्यादा पी कर नाली में डला है, उसे न कुछ होश है न खबर , सन्न सा पड़ा है। लोबिन लाल वहीं खड़ा देख रहा कि यह आदमी जिंदा है या मरा वो बड़ा अचंबित था उसने ऐसा हुलिया बाला आदमी कहीं देखा पर कहाँ उसे यह ध्यान नहीं आ रहा था , क्योंकि लोबिनलाल को भूलने की बीमारी से ग्रसित था। उसे बहुत देर बाद कुछ ध्यान आता इतनी देर बाद कि ..।इस कारण वह अपनी पत्नी रूपा से अनेक बार अलग हो गया। क्योंकि वह उसे पहचानता ही नहीं । और उससे कहता तुम कौन हो