प्रेमचंद (समीक्षा)

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"न्याय और नीति सब लक्ष्मी के ही खिलौने हैं वह जैसे चाहे नचाती है।"कोई भी साहित्यकार युगीन परिस्थितियों से निश्चित रूप से प्रभावित होता है ,लेकिन उसके व्यक्तिगत जीवन की घटनाएं भी उसके सहित्य पर अनजाने में ही अपनी प्रतिच्छाया डालती हैं जिस तरह प्रेमचंद का रहा है प्रेमचंद का निजी जीवन निरंतर संघर्षमय रहा है।प्रेमचंद का जन्म एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में बनारस से 5 मील दूर लमही गांव में शनिवार 31 जुलाई 1880 को हुआ पिता अजायबलाल श्रीवास्तव जो डांक मुंशी थे। उन्होंने अपने पुत्र का नाम 'धनपतराय' रखा।प्रेमचंद की माता का नाम आनंदी देवी था जो संग्रहणी