हारा हुआ आदमी (भाग 47)

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"अरे नही।एक ही दिन की बात है।फिर काम से जा रहे हो,"निशा बोली,"मैं तो मजाक कर रही थी।"अच्छा तो मैं चलूं।"देवेन चलने को तैयार हुआ तो निशा बोली,"एक चीज भूल रहे हो।"निशा ने पति का हाथ पकड़ लिया था।"क्या?"देवेन सोचते हुए बोला,"भुला तो कुछ भी नही।""अब यह भी याद नही क्या भूल रहे हो।"निशा फिर बोली तो उसने दिमाग पर जोर डाला लेकिन उसे याद नही आया था,"भुला तो मैं कुछ भी नहीं हूं।""मुझे दोष देते हो कि मैं पहले जैसी नही रही।लेकिन तुम भी पहले जैसे कहाँ रहे हो?"पत्नी की बात सुनकर देवेन चोंकते हुए बोला,"वो कैसे?""क्या तुम पहले