असली गहना

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असली गहना/सुधा भार्गव चंदर बैंक में एक क्लर्क था। वह पड़ोस के कुछ बच्चों को पढ़ाया भी करता था। ताकि कुछ अतिरिक्त आमदनी हो जाय और पत्नी को खुश रख सके। वह इतना कमा लेता था कि दो प्राणियों का काम अच्छे से चल जाए लेकिन उसकी पत्नी नहीं जानती थी कि आमदनी के अनुसार कैसे खर्च किया जाए। चंदर समझा समझकर थक गया कि जरूरत के अनुसार पैसा खर्च करो पर वह तो अपना मन खुश करने के लिए खर्च करती थी और मित्रो के बीच में सबसे सुंदर और आधुनिक दीखना चाहती थी। एक दिन