तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग -21) आदित्य - अस्मिता

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जब अस्मिता सुबह उठ कर देखती है तो आदित्य बैड पर नही था । वह उठ कर बिस्तर को छूकर पाती है कि उसकी तरफ का बिस्तर एकदम ठंडा है।वो अचानक से उठ इधर उधर देखती है क्योकि अभी भोर के 5 ही बज रहे थे और इतनी सुबह आदित्य कहाँ जा सकता था। अस्मिता उठकर दरवाजे के पास आती है तो दरवाजा अंदर से ही बंद था। अस्मिता मन में -" इन्हे जमीन निगल गयी क्या।" तभी वो देखती है आदित्य बैड के नीचे जमीन पर ही चादर बिछा सोया था। अस्मिता यह देख की आदित्य जो अपने आलीसान