भयानक सपना

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अचानक हृदयाघात के कारण दिव्यानी के पति यश का स्वर्गवास हो जाने से परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। यश अपने जीवन काल में अपने बेटे हर्ष का रिश्ता तय कर चुके थे, सभी तैयारियाँ भी पूर्ण हो चुकी थीं। अतः दिव्यानी ने पूर्व निर्धारित तिथि पर ही हर्ष और मिताली को विवाह के पवित्र गठबंधन में बाँध दिया। उनकी बहू मिताली यूँ तो स्वभाव से अच्छी थी, किंतु ससुराल आने के कुछ ही समय में उसे ऐसा लगने लगा कि पूरा घर केवल उसकी मर्जी से ही चलना चाहिए। छोटी छोटी-सी बातों को लेकर वह दिव्यानी से कई