अपने पैरों पर- भवतोष पाण्डेय

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कायदे से अगर देखा जाए तो अपने नागरिकों से टैक्स लेने की एवज में देश की सरकार का यह दायित्व बन जाता है कि वह देश के नागरिकों के भले के लिए काम करते हुए उसे अच्छी कानून व्यवस्था के साथ बेसिक सुविधाएँ जैसे साफ़-सफाई, शिक्षा, इलाज, रोज़गार इत्यादि तो कम से कम मुहैया करवाए। मगर यह भी सार्वभौमिक सत्य है कि अब तक देश की चुनी हुई कोई भी निर्वाचित सरकार कभी भ्रष्टाचार की वजह से तो कभी आलस भरी लालफीताशाही अथवा निजी हितों के चलते के ऐसा करने में सफ़ल नहीं हो पायी है। ऐसे में अभी तक