सफर का अंत - 8

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[कुछ देर बाद]ओह हेल्लो अम्रीता कैसे हो। और आज कल कहा रहते है दिखते भी नहीं होअरे नहीं प्रिया हम बाहर चले गए थे कुछ काम के सिल सिल में तो आने में बहुत दिन हो गएओह ओके ऐसा है। फिर सुनो अब तुम यहा रहोगी ना कहीं जाओगी तो नहीं नाअरे तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो। कुछ हुआ है क्या।कुछ हुआ तो नहीं पर थोड़ी कमी सी हुए थी तुम्हारी इस लिए पूछा। दरअसल मन नहीं लग रहा था तुम्हारे बिना बस यही सोचती हूं कि कैसी होगी मेरी सहेली अच्छी तो होगी ऐसी ही यादे आती