रुपये, पद और बलि - 12 - अंतिम भाग

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अध्याय 12 सुधाकर के रिवाल्वर लेने से जोसेफ पसीने से तरबतर हो गया। उसकी जुबान और उसका गला सूख गया। "सु.... सुधाकर यह क्या है ?" "मालूम नहीं ? यह रिवाल्वर है। तुम्हारी आत्मा को शांति नहीं चाहिए क्या जोसेफ? तुम्हारे परमपिता के पास जाने में ही तुम्हारी भलाई है।" "तुम... मुझे क्यों मारना चाहते हो ?" "पुलिस को तुम पर शक है उसके बाद भी तुम जिंदा रहो तो फंस जाओगे और हमें भी फंसा दोगे। चुपचाप प्राणों को त्याग दो। सिर्फ मेरी इच्छा नहीं है। अप्पा की भी यही इच्छा है।" "अरे पापी लोगों ! आखिर में तुमने