दो रास्ते - भाग-1

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भाग -1 कहानी - दो रास्ते “ आज मौसम बहुत अच्छा है , छुट्टी का दिन भी है . क्या आपको कभी बाहर घूमने का मन नहीं करता है ? दिन रात घर में घुस कर बैठे रहते हैं . आपके सारे दोस्तों का भी यही कहना है . “ एक साथ इतनी शिकायतें रीमा ने अपने पति अमर से कर डाली . फिर भी अमर खामोश रहा . तब रीमा ने अपने बेटे को आवाज दे कर कहा “ संजू , चल हमलोग पार्क घूमने चलते हैं . “ अमर ने खामोशी तोड़ते हुए कहा “ एक