काव्या की अब ये आदत बन गई थी कि चुपके-चुपके अपनी सन्तान को दुध पिलाती थी और फिर एक दिन जब रेखा ने देखा तो वो भड़क गई थी अरे तू क्या जाने मां का दूध क्या होता है हां शर्म नहीं आती बच्चे के साथ नाटक कर रही है।अब काव्या भी क्या बोले कि नाटक नहीं है एक मां का दूध ही अपने बच्चे को पिला रही है। क्या दर्द है ये तो भगवान ही जानते है। रेखा ने कहा मां मुझे तो दूध ही नहीं आता है क्या आप जानते हो? सरस्वती ने कहा हां बेटा तुम बहुत