गाँव की दुसरी तरफ पंचायत बैठी थी । सरपंच जी पेड के नीचे अपने आसन पर विराजमान थे। साथ ही गाव के सारे वर्ग के लोग बैठे थे वही एक तरफ कोने मे दक्षिणी टोले के लोगो के लिये जगह थी जहा पर घनश्याम जी उर्मिला चाची छोट्की की अम्मा छोट्की को लिये हुये और भी गाव के लोग थे। वही एक तरफ सोम और उसके माता पिता भी थे। उनमे से किसी के भी चेहरे पर कोई पछतावा नही दिख रहा था बल्कि चेहरे पर घमंड था और आँखो मे इतना अभिमान मानो बोल रहे हो की उन्ही की