राजा मीरेन्द्रसिंह जू देव की कृति विरहणी राधा पर समीक्षात्मक पहल रामगोपाल भावुक संसार के भक्त संतों-महात्माओं के विचारों का प्रभाव पड़े बिना,कोई कवि भक्ति रस की अनुभूति प्राप्त नहीं कर सकता है। भक्त हृदय प्रभु की लीलाओं का भिन्न-भिन्न प्रकार से वर्णन करते रहे हैं। विरहणी राधा के कवि राजा मीरेन्द्रसिंह जू देव की यही हालत देखने को मिली है। उन्होंने ब्रज भूमि के संत महात्माओं से प्रभावित होकर ही इस कृति का सृजन किया होगा। कवि विरहणी राधा की प्रस्तावना में स्वयं यह स्वीकार कर चुका हैं कि अमर आत्माओं