रुपये, पद और बलि - 8

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अध्याय 8 रिवाल्वर के आवाज सुनते ही बंगले के सब लोग उठ गए। ट्यूबलाइट की रोशनी पूरे बंगले के कांच की खिड़कियों से दिखाई दे रही थी। वॉचमैन दौड़ा। पोर्टिको के सीढ़ियों पर चढ़ - कॉल बेल को बजाया। नीलावती ने दरवाजा खोल दिया। धड़- धड़ाते हुए सब अंदर घुसे । "क्या हुआ क्या हुआ अम्मा ?" "कुछ समझ में नहीं आ रहा है। कोई बंदूक चलाने की आवाज आई।" कौशल राम के कमरे की तरफ दौड़े। वहां पर सुधाकर खड़ा होकर दरवाजा खटखटा रहा था। "अप्पा, अप्पा।" अंदर - निशब्द। "जोर-जोर से दरवाजे को खटखटाने लगे। अंदर मौन। नीलावती