रुपये, पद और बलि - 4

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अध्याय 4 ऑटो ड्राइवर इंस्पेक्टर को देखते ही भव्यता से खड़े हुए। इंस्पेक्टर ने पूछा "कितनी देर से.... यहां खड़े हो?" "आधे घंटे से खड़े हैं सर ?" "15 मिनट पहले इस तरफ से कोई भागकर आया क्या ?" "आदमी कैसा था बता सकते हैं क्या सर ?" "कॉलेज के लड़कों जैसे दिख रहा था, आंखों में धूप का चश्मा लगाया हुआ था।" एक ऑटो ड्राइवर ने आश्चर्य से चिल्लाया। "अरे.... वह अपने गोविंद के गाड़ी में बैठ कर गया था ना। चौखाने वाला शर्ट पहना था वही है ना ?" पोर्टर मारीमुथु ने सिर हिलाया "हां.. हां... वही वहीं