पप्पा जल्दी आ जाना : एक पारलौकिक सत्य कथा - भाग 2

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...सिसकती हुई अनोखी यह कहते हुए पूजन सामग्रियों को इधर-उधर बिखेरने लगी। फिर पिता के फोटो पर टंगी माला हटाकर फोटो को अपने सीने से लगाए कमरे की तरफ जाने लगी। बड़ी मुश्किल से अपने आंसुओं को रोक रखी पुष्पा से अब रहा न गया और दहाड़ मार कर रोती हुई वह एक तरफ जहां अनोखी को संभालती, तो दूसरी तरफ बिखरी हुई पूजन सामग्रियों को समेटने में लगी थी।सुरेश, दिवंगत रमेश का बड़ा भाई जो वहीं पास में बैठा था। उससे यह सब देखकर रहा न गया। वह उठा और अनोखी को अपने गोद में लेकर चुप कराने का