अतीत के पन्ने - भाग ५

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ये सत्य है कि मां अब नहीं है पर क्या मैं ये सहन कर सकती हुं क्यों नहीं मैं भी मां के साथ चली गई ‌भगवान ने मुझे किस के सहारे छोड़ दिया हां।। यहां तो सब अपने ही है पर व्यवहार क्यों परायों जैसा है। ये सब कुछ सोच रही थी और फिर कब नींद आ गई और काव्या सो गई।फिर कब फिर सुबह हो गई और फिर देखा कि मां के कमरे में ही सो गई थी काव्या। सरिता अपने पति के साथ पहुंच गई अलीगढ़।सरिता ने कहा रेखा दीदी बड़ी मोटी हो गई। आलोक जीजाजी कहा है? रेखा ने