मे और महाराज - (जाल_५) 44

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उसके अगले ही दिन सिराज को अपने पिता से महल आने का न्यौता आया। सिराज जैसे ही महल के लिए रवाना हुआ। एक पालखी राजकुमारी शायरा के महल के बाहर आकर रुकी। राजकुमारी शायरा महल के बाहर आई। " यहां कोई पहरेदार क्यों नहीं है मौली ?" उसने मौली से पूछा।" आपके कहे मुताबिक समायरा ने राजकुमार सिराज से बात कर यहां का पहरा रद्द करवा दिया था। बेफिक्र रहींए राजकुमारी।" मौली ने शायरा को तसल्ली दी।" क्या आज हम सच में राजकुमार अमन से मिल पाएंगे ?" शायरा ने पूछा।" जाइए राजकुमारी। पालखी इंतजार कर रही है। जाकर राजकुमार