सरिता अपने दोनों बेटे करण और वरुण तथा दोनों बहुओं आशा और प्रीति से हमेशा नाराज़ रहती थी, कारण था ज़रूरत से अधिक अपेक्षा रखना। सरिता को ख़ुश रखने की वे चारों चाहे जितनी भी कोशिश करें लेकिन उसे कभी संतोष नहीं होता। वह हर वक़्त अपने पति राकेश से उन सभी की शिकायत करती रहती। राकेश हमेशा उसे समझाता, "सरिता वह चारों नौकरी वाले हैं, फिर भी उनसे जितना बनता है, करते हैं। हद से अधिक चाहोगी तो हमेशा इसी तरह दुखी रहोगी।" अपनी ज़िद पर अड़ी सरिता अपने पति की बातों से कभी सहमत नहीं हुई। दोनों बहुओं को भी वह