मे और महाराज - (जाल_४) 43

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राजकुमार अमन अपने ससुर वजीर साहब के साथ मिलकर अपना जाल रच चुके थे। दो दिन बाद सिराज राजकुमारी से मिलने उनके कक्ष आया। राजकुमारी कमरे के बाहर बने हुए बगीचे में अपनी दासींयो के साथ खेल खेल रही थी। उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी। सिराज ने दासियों को आवाज करने से मना किया। और खुद उनके बीच आकर खड़ा हो गया। समायरा ने जैसे ही उसे पकड़ा वह समझ गई कि सामने सिराज था। समायरा ने अपनी आंखों से पट्टी खोली। उस पूरे बगीचे में उसके और सिराज के अलावा और कोई नहीं था।" तुमने सब को भगा दिया।" समायरा