वही होगा मेरा पति 

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कड़कड़ाती धूप में मेहनत करती यमुना पसीने से तरबतर हो रही थी। तभी खाना खाने की छुट्टी हुई। इतने शरीर तोड़ परिश्रम के बाद उसे जोरों की भूख लगी थी। आज माँई ने क्या साग भेजा होगा, सोचते हुए उसने अपना खाने का डब्बा खोला। वह देखकर हैरान रह गई कि डब्बे में प्याज और सूखी रोटी के सिवाय और कुछ भी नहीं था। यमुना गुस्से में लाल हो रही थी। उसने डब्बे को वैसे ही वापस बंद कर दिया। तभी उसके बाजू में खाना खा रही पार्वती ने पास में खड़े लार टपकाते कुत्ते को देखकर उसके आगे एक सूखी रोटी