नीलम कुलश्रेष्ठ का गुजरात-दर्शन

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डॉ. किशोर काबरा प्रत्येक साहित्यकार को स्वान्तःसुखाय लिखे जानेवाले साहित्य के समानान्तर समाजोन्मुखी लेखन से भी जुड़ाव रखना पड़ता है । देश, काल और पात्र इसके कारक हैं । निर्भीक कहानी –लेखिका एवं प्रबुद्ध पत्रकार नीलम कुलश्रेष्ठ के निबंध-संग्रह ‘गुजरातः सहकारिता, समाज सेवा और संसाधन’ से गुजरते हुए यही बोध होता है कि जिस मिट्टी से आप जुड़े हैं, जिस संस्कृति में आप साँस लेते हैं, उस के प्रति आपका अहोभाव व्यक्त होना चाहिए । शोधपरक लेखकीय यात्रा के कथ्य से सम्पृक्त इस ग्रंथ की यही पूर्व भूमिका है । लेखिका ने सहकारिता और समाजसेवा के मूलभूत सिद्धांतो की चर्चा