रंग बदलता आदमी, बदनाम गिरगिट - 2

  • 6k
  • 2.3k

रंग बदलता आदमी,बदनाम गिरगिट 2 काव्य संकलन- समर्पण- देश की सुरक्षा के, सजग पहरेदारों के, कर कमलों में- समर्पित है काव्य संकलन। ‘रंग बदलता आदमी,बदनाम गिरगिट’ वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.9981284867 दो शब्द- आज के परिवेश की,धरती की आकुलता और व्यवस्था को लेकर आ रहा है एक नवीन काव्य संकलन ‘रंग बदलता आदमी- बदनाम गिरगिट’-अपने दर्दीले ह्रदय उद्वेलनों की मर्मान्तक पीड़ा को,आपके चिंतन आँगन में परोसते हुए सुभाषीशों का आभारी बनना चाहता है। आशा है आप अवश्य ही आर्शीवाद प्रदान करैंगे- सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त गुप्ता