भाग -43 अगले दिन हमारी कोशिश फिर बेकार हुई। बहनों की बातों से हमें और भी पक्का यकीन हो गया कि वो हमें बरबाद करने की ही ठाने हुई हैं। हम-दोनों का हाथ-पैर जोड़ना भी उनके मन को बदल नहीं सका। वो एक पैसा देने को तैयार नहीं हुईं। उल्टे खिल्ली उड़ाई। तब मैं बर्दाश्त नहीं कर सका। बिगड़ गया। साफ कह दिया कि, 'आप-दोनों ने हमें बरबाद करने के लिए यह सब किया। आप लोग नहीं चाहती थीं, तो पहले ही मना कर देंती। हमारे पैसे क्यों बरबाद कराए। हम-दोनों अब यहां काम नहीं करेंगे। हमारा हिसाब अभी कर