हौसले की उड़ान- सुरेंद्र मोहन

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इसमें कोई दो राय नहीं कि एक ही सोच..विषय एवं एक ही ध्येय को ले कर हर एक की अपनी अपनी समझ..मत..सोच..विचार एवं अप्रोच हो सकती है। इसी तरह upsc के अभ्यर्थियों के संघर्ष..सफलता..असफलता को ले कर उनकी तमाम तरह की जद्दोजहद को किताब के ज़रिए हिंदी में सामने लाने का दुरह कार्य बहुत से लेखकों ने अपने अपने ढंग..समझ एवं खुद के द्वारा तय किए गए मापदंडों के अनुसार किया है। उनमें से किसी ने सतही तौर पर खुद की देखी भाली घटनाओं को बस जस का तस शब्दों में उतार दिया तो किसी ने उसी सच्चाई में अपनी तरफ़