पश्चाताप. - 13

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निशा का बर्ताव पूर्णिमा के प्रति दिन प्रतिदिन अपमानजनक हो रहा था कि , एक दिन चिल्लाते हुए " हाय राम! तंग आ चुकी हूँ मै इन लोगों से जीना हराम कर रखा है आज को फैसला होकर रहेगा इस घर मे मै रहुँगी या ये |" कहते हुए पूर्णिमा के बेटे को दो थप्पड़ जड़ दिये | चिल्लाने और बेटे के रोने की आवाज सुनकर पूर्णिमा किचन से निशा के कमरे की तरफ भागती है | पूर्णिमा बेटे को चुप कराती हुई "क्या हुआ निशा? " निशा क्या करेंगी जानकर? वो देखिये इतना महँगा लिपस्टिक सेट शादी मे बाहर