माँ मुझे माफ़ कर दो

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राजीव का घर दुल्हन की तरह सजा हुआ था रंग-बिरंगे फूलों से बने हार, रंगीन बल्बों की सीरीज, बेहद आकर्षक मंडप और कानों को प्रिय लगे ऐसा लाजवाब संगीत चल रहा था। कोई भी राह से गुजरने वाला व्यक्ति दो मिनट रुककर, उस बंगले को देखता ज़रूर था। घर में आने-जाने वालों की भीड़ लगी हुई थी। राजीव की माँ दमयंती और उसके पिता रंजीत शादी की तैयारियों में अत्यंत ही व्यस्त होने के साथ ही साथ अपने मेहमानों का स्वागत भी कर रहे थे। दूसरी तरफ़ अनामिका जिससे राजीव का गठबंधन होने वाला था, लाल जोड़े में सजी-धजी मानो कोई अप्सरा ही हो, इतनी