7 29.8.2021 सहसा बीच में सोए छोटू पर ऊपर से लाइट का बीम आया। "है कोई…" ऊपर से लंबी सी आवाज़ आई। हमारी आवाज़ ऊपर तक पहुंचती नहीं थी अतः वह परत जाने वाला ही था तब छोटू ने हथेली पर दो हाथ रखे अपनी चीख़ती आवाज़ में कहा "ए हो.. हम यहाँ है...।" फिरसे, अब तेज़ लाईट आई। सम्पूर्ण अशक्त हालात में भी तोरल और मनन ने वह मेटल की थाली बजाई। हो सके इतने जोर से। तोरल ने एक पत्थर से थाली टकराई। आवाज़ की गूंज दूर तक गई। आखिर ऊपर तक गई। "हम आ गए है रिस्क्यु