63 अगले ही दिन रोज़ी व जैक्सन का भी आरक्षण हो गया और दो दिन बाद वे सब दिल्ली थे | समिधा विवाह के बाद पहली बार पापा के पास आई थी, वह भी बिना बताए | पापा के हर्ष का ठिकाना न था | उन्होंने अपनी बेटी-दामाद के साथ रोज़ी और जैक्सन का भी वैसा ही सत्कार किया जैसा अपने बेटी-दामाद का किया था | समिधा व सारांश को देखकर सूद आँटी इतनी प्रसन्न हो उठीं जैसे उनकी अपनी बेटी पहली बार ससुराल से आई हो | उनसे पूछकर पापा ने जो बेटियों को लेना-देना होता है, वह सब