62 इंदु विलास के चेहरे पर देखती आई थी, उसने बहुत बार विलास को उस कठिन स्थिति से उबारने के प्रयास में अपनी नारी-सुलभ सीमाएँ भी पार करीं थीं | परंतु पत्नी के समीप आते-आते वर्षों पीछे छूट गया चलचित्र विलास की दृष्टि के समक्ष पुन: खुल जाता और वह अचानक शिथिल हो जाता | इंदु के समीप पहुँचने की स्थिति में पहुँचता, उसका शरीर निढाल होने लगता | इंदु के तन व मन की अतृप्त प्यास की स्थिति समझे बिना वह लंबी-लंबी साँसें लेते हुए इंदु को अधर में लटकता छोड़ देता और करवट बदलकर सिकुड़ जाता | अपनी