नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 61

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61 जहाज रन-वे पर उतरने वाला था, पेटी बाँधने की घोषणा होने पर इंदु के पास बैठे युवक ने उसे हिलाया, वह तंद्रा से जागी |  “थैंक्स” उसके मुख से मरी हुई आवाज़ निकली |  विकास ने गाड़ी भेज दी थी, वो घर पर ही थे | गाड़ी की आवाज़ सुनते ही वे लपककर बाहर आए, इन्दु ने उनकी उत्सुकता भाँप ली थी | विलास का चेहरा देखकर उसे सुकून मिला | विलास ने हर बार की भाँति पत्नी को एक ठंडा आलिंगन दिया |  “सब ठीक से हो गया ?” “हूँ –” विलास ने बहादुर को चाय बनाने की