एक पिता का निर्णय

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संजय ऑफिस से आया तो घर में सन्नाटा पसरा हुआ था। उसकी मां माथा पकड़े बैठी थी तो पत्नी माला ‌ सुबक रही थी। संजय उन दोनों का यह हाल देख घबरा गया और मां से बोला "सब ठीक है ना! क्या हुआ, माला रो क्यों रही है और आप!""रोने की तो बात ही है। कर्म फूट गए हमारे। दूसरी भी बेटी है इसके पेट में!"सुनकर पहले तो उसे झटका लगा और फिर उसे अपनी मां व पत्नी पर बहुत बहुत गुस्सा आया। गुस्से से में वह अपनी मां से बोला "मां, मेरे मना करने के बाद भी आप इसकी