आड़ा वक्त (उपन्यास) कथाकार- श्री राजनारायण बौहरे समीक्षक- वेदराम प्रजापति मनमस्त मो.- 9981284867 कथाकार श्री राजनारायण बोहरे जी के उपन्यास आड़ा वक्त के केनवास में,जीवन के अनेको अनछुए पहलुओं को बड़ी ही पेचीदी दृष्टि देकर उपन्यास की सफलता को सार्थक बनाया है जिसमें उन्यास के प्रथम सर्ग नियुक्ति की पहली पंक्ति ही समय सूचक संकेत लिये जीवन कथा-व्यथा कहती दिखी। यथा-‘स्वरुप की नींद खुली तो उसने बांये हाथ की तरफ,दीवार पर टगीं घड़ी पर नजर दौड़ायी जो समय के संकेत के साथ अंदर के गहरे भावों को,आड़ा वक्त की ओर ले जाती है।’ दादा का