नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 57

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57 सारांश की माँ इंदु बहुत चुस्त निकलीं, उन्हें अपने पुत्र के विवाह की बड़ी शीघ्रता थी | उन्होंने पुत्र से बात करने के दूसरे दिन ही समिधा के पिता तथा श्रीमती सूद से बात करके उन्हें बता दिया था कि वे अपने बेटे सारांश के लिए उनकी बेटी का हाथ माँगना चाहती हैं |  इंदु ने पहले श्रीमती सूद से बात की, उन्हें बताया कि वे जानती हैं कि समिधा अपनी माँ के समान ही उन्हें आदर देती है | अत: वे समिधा के पिता से आसानी से बात कर सकेंगी | श्रीमती सूद को बहुत आश्चर्य हुआ, उनका