लेख संग्रह - भाग 4 - मित्र

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मित्रता अनमोल है। पुरुष का मित्र पुरुष। स्त्री का मित्र स्त्री। स्त्री पुरुष की मित्रता। लिव इन रिलेशनशिप में रहना। शादी करना। यह सब मित्रता के ही अलग-अलग रूप हैं।पापा आप हमें बहुत प्यार करते थे। हमारे लिए बहुत कुछ सोचते थे। आज आप चले गये हो। आपकी बहुत याद आती है।आपकी हर बात हमें अब एक-एक करके याद आती है। काश फिर हम मिल पाते। "बधाई हो। पार्टी तो होनी ही चाहिए।' यह वह शब्द समूह है जो अक्सर लोग एक दूसरे से बोलते रहते हैं। शादी हो, बच्चा हो, मकान बन जाए, नौकरी लग जाए तो इस शब्द