संस्कृत वांग्मय में औषध चिकित्सा

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"वेदों अखिलो धर्म मूलम्"----वेद ही अखिल धर्मों के मूल है। भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का "अथ से इति" तक का संपूर्ण सार वेदों में निहित है। मानव जीवन की उच्चतम संपत्ति वेदों में है। वेद ज्ञान के भंडार हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। अतः जहां एक और वेदों में उच्चतम ज्ञान के दर्शन होते हैं वहीं दूसरी ओर शारीरिक स्वास्थ्य का विषय भी अछूता नहीं है। विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धति ,जिनका उल्लेख वेदों में मिलता है, औषध चिकित्सा भी उनमें से एक है।औषधि का अर्थऔषधि--- चिकित्सा के अंतर्गत औषधी शब्द का अर्थ बतलाते हुए