रत्नावली उपन्यास समीक्षक- कमलेशमिश्रा (मेपल) कनाड़ा से प्रकाशित होने वाली पत्रिका हिन्दी चेतना के सम्पादक श्री श्याम त्रिपाठी जी की आभारी हूँ, कि जिन्होंने रत्नावली जैसे अनमोल रत्न के पढ़ने की मुझे प्रेरणा दी। उन्होंने मुझे फोन पर कहा कि मैं आपको एक लघु उपन्यास रत्नावली पढ़ने को दूंगा। यों तो पुस्तकों का भण्ड़ार तो मेरे पास रहता ही है,त्रिपाठी जी के इस आग्राह को मैं टाल न सकी। क्योंकि आज मैं जो मैं दो चार पंक्तियाँ लिखने के योग्य हुई हूँ ,वह त्रिपाठी जी की प्रेरणा का ही फल हैं। उनके समान हितैषी,