वह अब भी वहीं है - 20

  • 4.1k
  • 1.7k

भाग -20 मारे खुशी के वह भाई के गले से लगकर फफक-फफक कर रो पड़ी। भाई को अंदर ला कर बैठाया। पहले तो भाई इस बात पर गुस्सा हुआ कि, उसको फ़ोन क्यों नहीं किया? वह कितना इधर-उधर भटकता रहा। उसे कहां-कहां नहीं ढूंढ़ा। आज भी संयोग से ही एक पुराने साथी ने बताया। फिर छब्बी ने जब रो-रोकर अपनी आप-बीती बताई और यह भी कहा कि, अब जो भी हो, वह इस नियति को स्वीकार कर चुकी है, उसे पति मान चुकी है, उसके बच्चे की मां बनने जा रही है। इसलिए अब तुम भी हमारी इस स्थिति को